नफरतों को जलाओ तो मोहोब्बत की रौशनी होगी, वर्ना इन्सान जब भी जले है ख़ाक ही हुए है !! मत करना कभी भी गुरुर अपने आप पर ए इन्सान, न जाने खुदा ने तेरे और मेरे जैसे कितने को, मिटटी से बनाकर मिटटी में मिला दिए !! अपनी गलती एसे सुधारों की फिर कोई भूल न हो, चैन से बसर हो जिन्दगी और मन में कोई शूल न हो, यूँ तो जीते है जिन्दगी सभी अपनी अपनी शर्तों पर, पर ऐसा गुनाह न करो जो उपरवाले को कुबूल न हो !! हम समझौता चाहते है जब हम गलत होते है, परन्तु हम न्याय चाहते है, जब दुसरे गलत कर रहे होते है !! खूबसूरती हंमेशा देखने वाले के मन में और नजरों में होती है, वरना गलती निकालने वालों को तो ताजमहल में भी कमी नजर आती है !! वाणी में सुई भले ही रखो, पर उसमे धागा डालकर रखो, ताकी सुई केवल छेद ही न करे, बल्कि आपस में माला की तरह पिरोकर भी रखे !! जरुरी नहीं की सजदे हो हर वक्त, और उसमे खुदा का नाम आये, जिन्दगी तो खुद ही एक इबादत है, शर्त ये है की ये किसीके काम आये !! क्यूँ कहते हो की कुछ बेहतर नहीं होता, सच तो ये है की जैसा चाहो...
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